शेयर मार्किट क्या है और इससे पैसे कैसे कमाये? – Share Market Guide in Hindi

शेयर मार्किट क्या है और इससे पैसे कैसे कमाये

शेयर मार्किट क्या है और इससे पैसे कैसे कमाये,हालांकि शेयर बाजार में कम समय में कमाई का भी एक ऑप्शन है। इसमें सुबह पैसा लगाकर शाम तक कमाई की जा सकती है। इसे डे-ट्रेडिंग कहा जाता है, जिसमें लोग कम पैसे से भी इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं। इस कारोबार में शेयर की कीमत का 20 से 30 फीसदी सुबह निवेशक को लगाना पड़ता है और शाम तक प्राफिट के साथ पैसा वापस मिल सकता है।

शेयर का मतलब होता है हिस्सा. बाजार उस जगह को कहते हैं जहां आप खरीद-बिक्री कर सकें.

अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार (Stock Market) किसी listed कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है. भारत में बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) नाम के दो प्रमुख शेयर बाजार हैं.

BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है. स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.

शेयर खरीदने का मतलब क्या है?

मान लीजिये कि NSE में listed किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.

कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है. जैसे की Zerodha है. ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं जो की 10% तक होता है. लेकिन Zerodha सिर्फ 0.03% या Rs. 20/executed order whichever is lower लेता है इसलिए ये मुझे personaly पसंद है.

किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.

Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.

प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.

कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?

शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.

इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?

किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.

अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है. शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल Warren Buffett भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.

आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?

आपको सबसे पहले Zerodhan की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा जिसमे 300 रुपये का खर्चा आएगा आप खुद ऑनलाइन खोल सकते है. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा. click here to open a demant account online in 5 minutes

बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और Zerodha की वेबसाइट से खुद लॉग इन करके किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये. लेकिन शेयर खरीदने से पहले अच्छे से पड़ताल ज़रूर करे की किस कंपनी के शेयर लेने में फायदा रहेगा ये आप जरा सा गूगल करके खुद चेक कर सकते है

इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे बेच सकते हैं. और जितने का ख़रीदा था उससे ज्यादा का बेचने पर आपको फायदा होगा जैसे की मान लो आपने relience के 10 शेयर खरीदे 10 हजार रुपये में और 1 महीने बाद वही शेयर 15 हज़ार के हो गये तो आपको बेचने पर 5 हज़ार रुपये का फायदा होगा.

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